खांसी और जुकाम आमतौर पर मौसम बदलने, वायरल संक्रमण, धूल-मिट्टी, एलर्जी या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होते हैं। ये भले ही सामान्य बीमारियाँ लगें, लेकिन सही समय पर इलाज न होने पर यह तकलीफदेह बन सकती हैं। सौभाग्य से, भारतीय परंपरा में ऐसे कई घरेलू नुस्खे हैं जो बिना किसी दुष्प्रभाव के इस परेशानी से राहत दिला सकते हैं।
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1. खांसी और जुकाम के सामान्य कारण
वायरस संक्रमण (कोल्ड वायरस, फ्लू वायरस)
धूल या प्रदूषण
ठंडी चीज़ों का सेवन
एलर्जी (pollens, pets, perfumes)
गले में इन्फेक्शन
इम्यूनिटी का कमजोर होना
2. खांसी और जुकाम के लक्षण
गले में खराश
नाक बहना या बंद होना
सिरदर्द
हल्का बुखार
थकान और कमजोरी
लगातार छींक आना
सूखी या बलग़म वाली खांसी
3. घरेलू नुस्खे (Home Remedies) – विस्तार से
1. अदरक-शहद का सेवन
कैसे करें प्रयोग:
एक चम्मच ताज़ा अदरक का रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।
दिन में दो बार लें (खाली पेट न लें)।
लाभ:
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
शहद गले को नरम करता है और संक्रमण से लड़ता है।
2. तुलसी का काढ़ा
सामग्री:
10 तुलसी की पत्तियाँ
1 छोटा टुकड़ा अदरक
5-6 काली मिर्च
1 गिलास पानी
विधि:
सभी सामग्री को पानी में उबालें जब तक यह आधा न रह जाए।
छानकर थोड़ा शहद मिलाएं और गरम-गरम पिएं।
लाभ:
तुलसी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करती है।
कफ और बलगम को निकालने में सहायक है।
3. नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे
कैसे करें प्रयोग:
आधा गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी नमक मिलाएं।
दिन में 2-3 बार गरारे करें।
लाभ:
गले की खराश और सूजन में राहत मिलती है।
बैक्टीरिया का सफाया करता है।
4. भाप लेना (स्टीम इनहेलिंग)
विधि:
पानी को उबालकर एक बर्तन में डालें, सिर पर तौलिया रखकर भाप लें।
चाहें तो पानी में अजवाइन या यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूँदें डालें।
लाभ:
बंद नाक खुलती है।
बलगम ढीला होता है, खांसी में राहत मिलती है।
5. हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क)
कैसे करें प्रयोग:
एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालें।
सोने से पहले लें।
लाभ:
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं।
शरीर की इम्यूनिटी को मज़बूत करता है।
6. अजवाइन और गुड़ का काढ़ा
सामग्री:
1 चम्मच अजवाइन
थोड़ा गुड़
1 गिलास पानी
विधि:
पानी में अजवाइन और गुड़ डालकर उबालें।
छानकर गर्म ही पिएं।
लाभ:
गले और छाती में जमा कफ को बाहर निकालने में सहायक।
सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।
7. लहसुन का प्रयोग
विधि:
1-2 लहसुन की कलियाँ भूनकर खाएं।
चाहें तो सरसों के तेल में लहसुन डालकर गर्म कर लें और सीने व पैरों पर मालिश करें।
लाभ:
लहसुन में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
शरीर को अंदर से गर्मी देता है।
8. नींबू और शहद का मिश्रण
विधि:
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाएं।
सुबह खाली पेट लें।
लाभ:
विटामिन C से भरपूर नींबू इम्यूनिटी बढ़ाता है।
शहद गले की जलन को कम करता है।
4. क्या न करें (सावधानियाँ)
ठंडा पानी या आइसक्रीम से परहेज करें।
धूल-मिट्टी वाले स्थानों पर जाने से बचें।
बहुत अधिक बोलना या गले पर ज़ोर डालना टालें।
धूम्रपान और शराब से दूरी रखें।
संक्रमण से बचाव के लिए हाथ बार-बार धोएँ।
5. कब डॉक्टर से मिलें
घरेलू उपाय आमतौर पर असरदार होते हैं, लेकिन निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क ज़रूरी है:
खांसी 7 दिन से ज़्यादा रहे।
तेज़ बुखार बना रहे।
सांस लेने में तकलीफ हो।
खांसी में खून आए।
बहुत अधिक कमजोरी महसूस हो।
निष्कर्ष
खांसी और जुकाम के लिए घरेलू नुस्खे न केवल असरदार हैं, बल्कि हमारे शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव भी नहीं डालते। भारतीय रसोई घर में मौजूद साधारण सामग्री जैसे अदरक, शहद, तुलसी, हल्दी आदि का सही प्रयोग करके आप प्राकृतिक तरीके से राहत पा सकते हैं। अगर सही समय पर इन उपायों को अपनाया जाए, तो डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
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